Skip to main content

Medical Warning

*मेडिकल चेतावनी*

परिवार और दोस्तों के साथ कृपया साझा करें, यह बहुत महत्वपूर्ण है और किसी के जीवन को बचा सकता है।

जापानी Doctors के एक समूह ने पुष्टि की है कि कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने में गर्म पानी 100% प्रभावी है।
जैसे कि :-
1 माइग्रेन
2 High BP
3 Low BP
4 जोड़ों के दर्द
5 दिल की धड़कन की अचानक तेज़ी और कमी
6 मिर्गी
7 Cholestrol का बढ़ता Level
8 खांसी
9 शारीरिक असुविधा
10 गोलु दर्द
11 अस्थमा
12 पुरानी खांसी
13 नसों के रुकावट
14 Uterus और Urine से संबंधित रोग
15 पेट समस्याओं
16 भूख की कमी
17 आँखें, कान और गले से संबंधित सभी बीमारियां भी
18 सिरदर्द

Warm water का उपयोग कैसे करें ??

सुबह जल्दी उठें और Toilet से फारिग होने के बाद लगभग 4 गिलास गर्म पानी (लग भग 1 से सवा लीटर) पीयें। शुरू में 4 गिलास पीने में असुविधा हो सकती है लेकिन धीरे धीरे आप आदत बना लेंगे।

नोट: गर्म पानी (बिल्कुल चाय की तरह से गर्म नहीं) लेने के बाद 45 मिनट के अंदर कुछ भी नहीं खाएं।

गर्म जल उपचार उचित अवधि के भीतर स्वास्थ्य समस्याओं को हल करेगा जैसे :
🤙30 दिनों में diabetese पर प्रभाव
🤙30 दिनों में BP पर प्रभाव
🤙10 दिनों में पेट की समस्याएं
🤙9 महीनों में सभी प्रकार के कैंसर पर प्रभाव
🤙6 महीनों में नसों की रुकावट में काफी कमी
🤙10 दिनों में भूख की कमी दूर
🤙10 दिनों में UTERUS और संबंधित रोग
🤙10 दिनों में नाक, कान और गले की समस्याएं
🤙15 दिनों में महिला समस्याएं
🤙30 दिनों में हृदय रोग
🤙3 दिनों में सिरदर्द / माइग्रेन
🤙4 महीने में CHOLESTROL
🤙 9 महीनों में लगातार मिर्गी और पक्षाघात
🤙4 महीने में अस्थमा

🙀 ठंडा पानी आपके लिए खराब है।

अगर ठंडा पानी आपको कम उम्र में प्रभावित नहीं करता है, तो यह आपको बुढ़ापे में नुकसान पहुंचाएगा।
🙀 ठंडा पानी दिल के 4 नसों को बंद कर देता है, और दिल का दौरा पड़ सकता है।
🙀 COLD DRINK हार्ट अटैक का मुख्य कारण है

🙀 यह LEVER में भी समस्याएं पैदा करता है।
🙀 यह  FAT को जिगर के साथ चिपका देता है। जिगर प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे अधिकांश लोग ठंडे पानी पीने के शिकार हैं।

🙀 ठंडा पानी पेट की आंतरिक दीवारों को और कैंसर में बड़ी आंत को प्रभावित करता है।

👉👉कृपया इस जानकारी को खुद तक मत रखें।
मुनासिब लगे तो पहले अपने आप पर आज़माएँ फिर अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों में अवश्य शेयर करें, बहुत काम की बातें हैं।
👌🤝
 *डॉ.अरूण सोनी.*

Comments

Popular posts from this blog

जन्मों का कर्म

 .                  🙏🌹 "जन्मों का कर्ज",🌹🙏           एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे। धर्म-कर्म में यकीन करते थे। उनके पास जो भी व्यक्ति उधार माँगने आता वे उसे मना नहीं करते थे। सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार माँगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि "भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में ?"           जो लोग ईमानदार होते वो कहते - "सेठ जी ! हम तो इसी जन्म में आपका कर्ज़ चुकता कर देंगे।" और कुछ लोग जो ज्यादा चालक व बेईमान होते वे कहते - "सेठ जी ! हम आपका कर्ज़ अगले जन्म में उतारेंगे।" और अपनी चालाकी पर वे मन ही मन खुश होते कि "क्या मूर्ख सेठ है ! अगले जन्म में उधार वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है।" ऐसे लोग मुनीम से पहले ही कह देते कि वो अपना कर्ज़ अगले जन्म में लौटाएंगे और मुनीम भी कभी किसी से कुछ पूछता नहीं था। जो जैसा कह देता मुनीम वैसा ही बही में लिख लेता।          एक दिन एक चोर भी सेठ जी के पास उधार माँगने पहुँचा। उसे भी मालूम था कि सेठ अगले ...

मानवता का अप्रतिम उदाहरण

मानवता का अप्रतिम उदाहरण। कल बाज़ार में फल खरीदने गया, तो देखा कि एक फल की रेहड़ी की छत से एक छोटा सा बोर्ड लटक रहा था, उस पर मोटे अक्षरों से लिखा हुआ था... "घर मे कोई नहीं है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा और टॉयलट कराने के लिए घर जाना पड़ता है, अगर आपको जल्दी है तो अपनी मर्ज़ी से फल तौल लें, रेट साथ में लिखे हैं। पैसे कोने पर गत्ते के नीचे रख दें, धन्यवाद!!" अगर आपके पास पैसे नहीं हो तो मेरी तरफ से ले लेना, इजाज़त है..!! मैंने इधर उधर देखा, पास पड़े तराजू में दो किलो सेब तोले दर्जन भर केले लिये, बैग में डाले, प्राइस लिस्ट से कीमत देखी, पैसे निकाल कर गत्ते को उठाया, वहाँ सौ-पचास और दस-दस के नोट पड़े थे, मैंने भी पैसे उसमें रख कर उसे ढंक दिया। बैग उठाया और अपने फ्लैट पे आ गया, रात को खाना खाने के बाद मैं उधर से  निकला, तो देखा एक कमज़ोर सा आदमी, दाढ़ी आधी काली आधी सफेद, मैले से कुर्ते पजामे में रेहड़ी को धक्का लगा कर बस जाने ही वाला था, वो मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला "साहब! फल तो खत्म हो गए।" उसका नाम पूछा तो बोला: "सीतार...

संत रैदाश जी

हमेशा की तरह सिमरन करते हुए अपने कार्य में तल्लीन रहने वाले भक्त रैदास जी आज भी अपने जूती गांठने के कार्य में तल्लीन थे! "अरे,,मेरी जूती थोड़ी टूट गई है,,इसे गाँठ दो,"--,राह गुजरते एक पंडित ने भगत रैदास जी से थोड़ा दूर खड़े हो कर कहा। "आप कहाँ जा रहे हैं श्रीमान? "भगत जी ने पंडित से पूछा। "मैं माँ गंगा स्नान करने जा रहा हूँ,,तुम क्या जानो गंगा जी के दर्शन और स्नान का महातम,,," "सत्य कहा श्रीमान,,आप भाग्यशाली हैं जो तीर्थ स्नान को जा रहे हैं,,"- -भगत जी ने कहा "सही कहा,,तीर्थ स्नान और दान का बहुत महातम है,,ये लो अपनी मेहनत की कीमत एक कोड़ी,, और मेरी जूती मेरी तरफ फेंको "पंडित बोला "आप मेरी तरफ कौड़ी को न फेंकिए,, ये कौड़ी आप गंगा माँ को गरीब रैदास की भेंट कह कर अर्पित कर देना"!! रैदासजी बोले पंडित अपने राह चला गया,,रैदास पुनः अपने कार्य में लग गए। अपने स्नान ध्यान के बाद जब पंडित गंगा दर्शन कर घर वापिस चलने लगा तो उसे ध्यान आया- - अरे उस रैदास की कौड़ी तो गंगा जी के अर्पण की नही,,नाहक उसका भार मेरे सिर पर रह जाता; ऐ...